PM Awas Yojana-Rural Uttar Pradesh: 2016 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (उत्तर प्रदेश) के तहत लगभग 36 लाख घर बनाए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को पक्के घर प्रदान करना है। आदिवासी परिवारों सहित कमजोर वर्गों को भी इसका विशेष लाभ मिला है।
PM Awas Yojana-Rural Uttar Pradesh:
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) की शुरुआत 2016 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकान उपलब्ध कराना है। उत्तर प्रदेश में इस योजना ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जहां 2016-17 से अब तक कुल 35.88 लाख घरों का निर्माण किया जा चुका है।
यह आंकड़ा योजना की सफलता का प्रमाण है, जिसने लाखों ग्रामीण परिवारों के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में यह लक्ष्य रखा गया है कि 2024-25 तक कुल 36.6 लाख घरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
वर्तमान निर्माण की स्थिति:
उत्तर प्रदेश में इस समय पीएमएवाई-जी के अंतर्गत लगभग 72,000 घरों का निर्माण कार्य चल रहा है। 2023-24 तक लगभग 27,000 घर अभी भी अपूर्ण हैं, जिन्हें शीघ्र पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के 410 विकास खंडों में मॉडल हाउस का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 144 और विकास खंडों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य सरकार योजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर है और निर्माण कार्यों की निगरानी नियमित रूप से की जा रही है।
मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की प्रगति:
मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 2018-19 से 2023-24 के बीच 2.57 लाख घरों के लक्ष्य में से 2.52 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। वर्तमान में केवल 3,929 घरों का निर्माण कार्य शेष है। यह योजना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर आवास सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही है। इस योजना ने प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ मिलकर एक मजबूत आवास नीति का निर्माण किया है।
वंचित समुदायों को लाभ:
योजना ने विशेष रूप से वंचित और जनजातीय समुदायों को लाभान्वित किया है। मुसहर परिवारों के लिए 47,795 घर, वन टंगिया के लिए 4,838 घर, थारू समुदाय के लिए 3,233 घर, कोल समुदाय के लिए 29,923 घर, और सहरिया समुदाय के लिए 6,979 घर बनाए गए हैं। इसके अलावा, चेरो समुदाय को 5,367 घर, नट समुदाय को 2,220 घर, और पचैया लोहार व गढ़िया लोहार समुदायों को क्रमशः 63 और 155 घर प्रदान किए गए हैं। बैगा और भोक्सा जनजातियों के परिवारों को भी क्रमशः 1,584 और 175 घर दिए गए हैं।
विशेष श्रेणियों के लिए आवंटन:
योजना ने विभिन्न विशेष श्रेणियों के लोगों की आवास जरूरतों का भी ध्यान रखा है। कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवारों को 5,021 घर, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को 78,101 घर, काला-अजार से प्रभावित परिवारों को 249 घर, जापानी इंसेफेलाइटिस और तीव्र इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से प्रभावित परिवारों को 674 घर, और दिव्यांग व्यक्तियों को 71,056 घर आवंटित किए गए हैं। यह आवंटन दर्शाता है कि योजना समाज के सबसे कमजोर वर्गों की जरूरतों को प्राथमिकता देती है।
भविष्य की योजनाएं और विस्तार:
फरवरी 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमएवाई-जी को अगले पांच वर्षों के लिए विस्तारित करने की घोषणा की, जिसमें 2 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश में इस विस्तार का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जहां अभी भी कई परिवार पक्के मकान की सुविधा से वंचित हैं। राज्य सरकार ने योजना के क्रियान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जिससे आने वाले वर्षों में और अधिक परिवारों को लाभ मिल सके।
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